मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यों डर रखूं जिन्दगी आ, तेरे क़दमों पर मैं अपना सर रखूं
हो के मायूस न यूं शाम-से ढलते रहिये
फूल को ख़ार बनाने पे तुली है दुनिया, सबको अंगार बनाने पे तुली है दुनिया.
ऐसे रचनाओं को के रचयिता
हिन्दी के जाने-माने साहित्यकार और मशहूर कवि कुंवर बेचैन सिंह का कोरोना की वजह से निधन हो गया। कुछ दिनों पहले ही वो कोरोना संक्रमित पाए गये थे और उनका कैलाश हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था।
0 Comments