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_जनाब आज भी जिंदा है कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल के अंदर इंसानियत



पुलिस और उसकी कार्य प्रणाली यूं तो अक्सर लोगों के निशाने पर रहती है,लेकिन अक्सर पुलिस की ओर से ऐसे काम भी किए जाते है,जो मानवता की सच्ची सेवा एवं इंसानियत की मिसाल बन जाते है,हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश पुलिस के जनलोकप्रिय,एनकाउंटर स्पेशलिस्ट,ईमानदार छवि के तेजतर्रार,आईजी *श्री.मोहित अग्रवाल(आईपीएस)जी* की जो कोरोना जैसे गम्भीर संक्रमण और कानून व्यवस्था की व्यस्तता के बावजूद गोद ली हुई बेटी गौरी का जन्मदिन नहीं भूले,आज जनपद फतेहपगढ़ भ्रमण के दौरान मोहम्दाबाद कोतवाली में उसका जन्मदिन केक कटवाकर बहुत ही धूमधाम से मनाया गया,साथ ही साथ आईजी

 *श्री.मोहित अग्रवाल(आईपीएस)जी* ने बेटी गौरी के स्वास्थ की देख-रेख हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, इसी क्रम में आप सभी को बताते चल रहे जनपद फतेहगढ थाना मोहम्मदाबाद क्षेत्र के गांव  करथिया में शातिर अपराधी सुभाष बाथम ने लगभग 30 बच्चों को अपने घर पर बंधक बना लिया था।जिसकी सूचना कानपुर रेंज के आईजी *श्री.मोहित अग्रवाल(आईपीएस)जी* को मिलते ही बिना किसी देरी के तत्काल घटना स्थल पर पहुचकर मार गिराया था और सभी बच्चों को सकुशल छुड़ा लिया था,इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की धरती में *मुख्यमंत्री* योगी आदित्यनाथ एवं पुलिस विभाग के मुखिया तत्कालीन *डीजीपी* श्री.ओपी सिंह ने सयुक्त रूप से वरिष्ठ जनों की गरिमा मयि उपस्थिति और भारी-भीड़ के बीच आईजी *मोहित अग्रवाल(आईपीएस)* जी को दस लाख का नकद पुरस्कार व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित करते हुए उनकी कार्यशैली को लेकर जमकर तारीफ करने के साथ ही उनकी पीठ थपथपाई थी,वही आईजी *मोहित अग्रवाल(आईपीएस)जी* ने बेटी गौरी को गोद ले लिया था और उन्होंने उसका भरण पोषण  करने के साथ पढ़ा लिखाकर अपने पैरो खड़ा करने का संकल्प ले लिया था,इसके बाद अपने वेतन हर महीने पांच हजार रुपये बेटी गौरी व उसकी बुआ के सयुक्त बैंक खाते में डालने के साथ ही साथ उसको कपड़े व राशन आदि भेजते रहेते है,आईजी श्री.मोहित अग्रवाल जी का इतिहास कई रोमांचक किस्सों और जांबाजी से भरा पड़ा है । 


*✍🏻खबर-राहुल अग्निहोत्री की कलम से है,*_

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