सौरिख में एलपीजी सिलेंडरों की खुलेआम कालाबाजारी, प्रशासन मौन!
हर वक्त मंडरा रहा है बड़ा हादसे का खतरा
कन्नौज (सौरिख)।
जनपद कन्नौज के सौरिख कस्बे में इन दिनों घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है। खास बात यह है कि यह अवैध धंधा ना सिर्फ सरेआम चल रहा है, बल्कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत की आशंका भी गहराती जा रही है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, बीते वर्ष एक ओमनी कार में घरेलू गैस सिलेंडर से रिफिलिंग के दौरान अचानक आग लग गई थी। कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई, गनीमत रही कि बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, मगर कुछ ही समय बाद वही अवैध कारोबार दोबारा फलने-फूलने लगा।
सड़कें बनीं गैस स्टेशन:
सौरिख कस्बे की प्रमुख सड़कें जैसे – सकरावा रोड, बिधूना रोड, तिर्वा रोड और छिबरामऊ रोड – आजकल गैस रिफिलिंग के अड्डे बन चुकी हैं। घरेलू गैस सिलेंडर से खुलेआम वाहनों में गैस भरी जा रही है, मानो कानून नाम की कोई चीज है ही नहीं।
रिहायशी इलाकों में मौत का सामान!
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि जहां ये अवैध रिफिलिंग हो रही है, उसके आसपास घनी आबादी, मकान और निर्माण स्थल मौजूद हैं। एक छोटी सी चिंगारी, और पूरा इलाका कब राख में बदल जाए – कोई नहीं जानता।
प्रशासनिक चुप्पी और जिम्मेदारी का सवाल:
बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस जानलेवा धंधे की जिम्मेदारी किसकी है? जब पुलिस और आपूर्ति विभाग की आंखों के सामने यह सब हो रहा है, तो क्या यह मिलीभगत का संकेत नहीं है? अगर किसी दिन कोई बड़ी दुर्घटना हो गई, किसी की जान चली गई, तो फिर उसकी जवाबदेही कौन लेगा?
क्या प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर किसी और जान-माल की क्षति का इंतज़ार किया जाएगा?
अब समय आ गया है कि इस खतरनाक धंधे पर अंकुश लगाया जाए। आम जनता की जान से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शासन-प्रशासन को चाहिए कि तुरंत प्रभाव से छापेमारी कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। वरना आने वाला समय एक बड़ी त्रासदी का गवाह बन सकता है।
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