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सौरिख में मिलावटी पनीर की शिकायत पर फूड इंस्पेक्टर की छापेमारी, जांच के लिए सैंपल किए गए जब्त

जनपद कन्नौज से विशेष रिपोर्ट
जनपद कन्नौज के सौरिख कस्बे में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बढ़ती शिकायतों के बीच एक बड़ा मामला सामने आया है। सौरिख के मुख्य नादेमऊ चौराहे पर स्थित ‘पुनीत पेस्टी एंड बर्थडे पार्टी’ नामक प्रतिष्ठान पर मिलावटी पनीर की बिक्री किए जाने की सूचना मिलने पर फूड विभाग में हड़कंप मच गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री संतोष श्रीवास्तव को इस दुकान पर मिलावटी पनीर बेचे जाने की पुख्ता जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री संतोष श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दुकान का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दुकान में रखे गए पनीर, दही और दूध के सैंपल लिए गए और उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। दुकान में केक, पेस्टी, बर्थडे डेकोरेशन आइटम्स के साथ-साथ दुग्ध उत्पादों की भी बिक्री होती है, जिससे यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों ग्राहक आते हैं। ऐसे में मिलावटी पनीर की बिक्री का मामला आमजन की सेहत से जुड़ा एक गंभीर विषय बन गया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों से शिकायत मिली थी कि पुनीत पेस्टी एंड बर्थडे पार्टी की दुकान पर बेचा जाने वाला पनीर असली नहीं है, उसमें सिंथेटिक या अन्य मिलावट की जा रही है। इन शिकायतों की पुष्टि के लिए उन्होंने टीम गठित की और बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक छापा मारा। निरीक्षण के दौरान दुकान में रखे पनीर की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत हुई, जिस कारण उसे सैंपलिंग के लिए जब्त किया गया।
उन्होंने आगे कहा, “यदि जांच के बाद यह सिद्ध होता है कि पनीर में मिलावट की गई है या यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, तो संबंधित दुकान स्वामी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है।”
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद सौरिख क्षेत्र के लोगों में रोष और चिंता का माहौल है। क्षेत्रवासी इस बात से चिंतित हैं कि अगर बच्चों की बर्थडे पार्टी या घरों की नियमित खपत के लिए इस दुकान से खरीदे गए उत्पाद मिलावटी हैं, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी दुकानों पर नियमित रूप से छापे मारे जाएं और खाद्य गुणवत्ता की जांच की जाए।
खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी है। विशेष रूप से दूध, दही, पनीर जैसे उत्पादों में मिलावट न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह सीधे आम जनता की सेहत से खिलवाड़ है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के नियमों के अनुसार, किसी भी खाद्य सामग्री में मिलावट पाए जाने पर दोषी पाए गए व्यक्ति को आर्थिक जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी हो सकती है।
हालांकि मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री संतोष श्रीवास्तव द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह सवाल भी उठ रहे हैं कि ऐसी दुकानें लंबे समय से बिना जांच के कैसे संचालित हो रही थीं। लोगों ने यह भी सवाल किया है कि यदि इस प्रतिष्ठान में लंबे समय से मिलावटी उत्पाद बेचे जा रहे थे, तो स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी प्रणाली में चूक कहां हुई?
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि अब से ऐसे सभी प्रतिष्ठानों की नियमित जांच की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दुकानदारों को चेतावनी दी कि अगर किसी ने भी नकली या मिलावटी उत्पादों की बिक्री की, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सौरिख की इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि मिलावटखोरी एक गंभीर समस्या है, जिससे निपटने के लिए न केवल प्रशासन को बल्कि आम जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे खाद्य उत्पादों की खरीद करते समय गुणवत्ता की जांच करें, दुकानदार से बिल लें और किसी भी प्रकार की संदिग्धता होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
यदि जांच में मिलावट की पुष्टि होती है, तो यह न केवल एक दुकान के खिलाफ कार्रवाई का मामला होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा व्यवस्था की सख्त समीक्षा का संकेत भी होगा। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि फूड विभाग इस मामले को किस प्रकार अंजाम तक पहुंचाता है।

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