कन्नौज (सौरिख)।
सौरिख की तिर्वा रोड पर खुलेआम एलपीजी सिलेंडरों की अवैध रिफिलिंग का गोरखधंधा चरम पर है। और हैरानी की बात ये नहीं कि ये काम चोरी-छुपे हो रहा है — बल्कि सरेआम, दिन-दहाड़े, पुलिस के संरक्षण में!
थाना सौरिख से मुश्किल से 100-150 मीटर की दूरी पर, जहां खुद पुलिसकर्मी रहते हैं, वहीं यह जानलेवा धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है? या फिर सब कुछ जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है?
तिर्वा रोड, सकरावा रोड, बिधूना रोड, छिबरामऊ रोड — सभी सड़कें गैस माफिया के कब्जे में हैं।
दिन-रात घरेलू सिलेंडरों से वाहनों में रिफिलिंग हो रही है। ज़रा सोचिए, एक धमाका और पूरा मोहल्ला राख में तब्दील हो सकता है।
🚓 पुलिसकर्मी मूकदर्शक नहीं, ‘भागीदार’ बन चुके हैं!
जिन सड़कों पर यह अवैध धंधा हो रहा है, वहां पुलिसकर्मी खुद रहते हैं — फिर भी कोई रोक नहीं, कोई टोक नहीं!
क्या यह कहना अब गलत होगा कि पुलिस खुद इस गैस माफिया की साझेदार बन चुकी है?
⚠️ अब ये सिर्फ लापरवाही नहीं, सुनियोजित हत्या की तैयारी है!
बीते साल गैस रिफिलिंग के चलते ओमनी कार में आग लग चुकी है। फिर भी तिर्वा रोड पर वही काम और ज्यादा बेखौफ किया जा रहा है।
यह प्रशासनिक नपुंसकता नहीं, अपराध की सीधी साझेदारी है।
❗ पूछा जाना चाहिए —
1. थाना और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तिर्वा रोड गैस रिफिलिंग का सबसे बड़ा अड्डा कैसे बन गया?
2. क्या पुलिस इस गैस माफिया से ‘महीना’ खा रही है?
3. कब होगा ऐसे पुलिसकर्मियों और गैस माफियाओं पर सख्त केस दर्ज?
⚖️ अब जनता की मांग है —
गैस रिफिलिंग के इन ठिकानों पर तुरंत छापा मारा जाए, और पूरे गिरोह को जेल भेजा जाए।
उच्च अधिकारी खुद मौके पर पहुंचें — कागज़ी खानापूर्ति से अब काम नहीं चलेगा।
इस पूरे मामले में प्रशासन की चुप्पी, पुलिस की निष्क्रियता और आपूर्ति विभाग की आंखें मूंदना, सीधी मिलीभगत का संकेत देते हैं।अगर आज नहीं रोका गया, तो कल जब लाशें बिछेंगी, तो सबसे पहले सवाल अफसरों और सिस्टम पर ही उठेगा।
🛑 वरना अगली रिपोर्ट में सिर्फ धुआं नहीं होगा, लाशें होंगी — और जिम्मेदार सिर्फ गैस माफिया नहीं, पूरी व्यवस्था होगी।
यह खबर सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं — चेतावनी है।
अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो अगली बार ये खबर हादसे और लाशों के साथ छपेगी।
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