लखनऊ (उत्तर प्रदेश): राजधानी लखनऊ के पारा न्यू हैदरगंज तृतीय वार्ड स्थित डूडा कॉलोनी में इन दिनों बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। यहां की गलियों से लेकर घरों तक पानी भर चुका है, जिससे स्थानीय नागरिकों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
हर साल की तरह इस बार भी बरसात ने लोगों की रातों की नींद छीन ली है। हालात इतने बदतर हैं कि बारिश का पानी घरों में घुस जाता है, जिससे फर्नीचर, राशन, और ज़रूरी सामानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि कई बार नगर निगम में शिकायतें की गईं, लेकिन न तो कोई सुनवाई हुई और न ही कोई समाधान निकाला गया।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि डूडा विभाग इस कॉलोनी को नगर निगम के हवाले कर चुका है, लेकिन नगर निगम की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। जब नागरिक शिकायत लेकर नगर निगम जाते हैं, तो वहां से सिर्फ आश्वासन मिलता है। वहीं डूडा खुद को इससे अलग कर लेता है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि जलभराव के चलते लोग अपने घरों से निकल भी नहीं पाते, जिससे रोज़गार तक प्रभावित हो रहा है। "हम दो वक्त की रोटी के लिए भी नहीं निकल पा रहे हैं। घर में पानी भर गया है, बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है," – यह कहना है कॉलोनी में रहने वाले एक बुज़ुर्ग का।
जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे से आंखें मूंदे बैठे हैं। जनता सवाल कर रही है कि आखिर कब सुध लेगा सिस्टम? क्या किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही प्रशासन जागेगा?
डूडा कॉलोनी के लोग आज सिर्फ एक सवाल पूछ रहे हैं – 'हम कब तक यूं ही पानी में डूबे रहेंगे?'
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